ध्येय
प्रौद्योगिकी मंथन अपनी राजभाषा हिंदी में मौलिक शोधपरक साहित्य को सामने लाने का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की का एक अभिनव प्रयास है। यह प्रयास सफल हो, इसके लिए आपका सहयोग अपेक्षित है।
विषयक्षेत्र
हमारा मूलभूत प्रयास राजभाषा के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी का मौलिक एवं शोधपरक साहित्य हिंदी में ले आने का है। इसमें ज्ञान-विज्ञान के प्रायः सभी क्षेत्रों के मौलिक एवं शोधपरक साहित्य का स्वागत है; चाहे वह शिक्षा-शास्त्र हो, मनोविज्ञान, क्रीड़ाजगत, या फिर स्वास्थ्य हो।
प्रकाशन विवरण
अनुसंधान प्रवृत्ति की यह पत्रिका केवल उन्हीं रचनाओं पर विचार करती है जो क्षेत्रविशेष की उपलब्ध ज्ञान राशि में विस्तार करने वाली हों। लेख पठनीय, बोधगम्य तथा आवश्यक स्रोत-संदर्भों से युक्त होना चाहिए। वह सुबोध हिंदी में हस्तलिखित या यूनीकोड में टंकित किया हुआ होना चाहिए।
समकक्षी समीक्षा शोध प्रकाशनों में समकक्षी समीक्षा की भूमिका से सभी सुपरिचित हैं। प्रौद्योगिकी मंथन के लिए प्रेषित किए गए सभी लेखों की समीक्षा संबंधित क्षेत्र के दो समीक्षकों द्वारा की जाएगी। समीक्षकों का चयन संपादक मंडल के सदस्य करेंगे।