
आर.टी.आई. प्रकोष्ठ की वेबसाइट पर आपका स्वागत है

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सूचना का अधिकार अधिनियम-2005, शासन से संबंधित सूचनाओं के लिए नागरिकों द्वारा किए गए अनुरोध पर समय से प्रतिसाद करने को अनिवार्य बनाता है। यह कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा की गई एक पहल है। यह पहल भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों के नियंत्रणाधीन विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा वेबसाइटों पर प्रकाशित सूचना के अधिकार संबंधी सूचनाओं/प्रकटनों तथा प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों, लोक सूचना अधिकारियों आदि के विवरणों को तीव्रता से खोजने के लिए नागरिकों को एक आरटीआई गेटवे उपलब्ध कराने हेतु की गई है।
सूचना के अधिकार का मूलभूत उद्देश्य नागरिकों का सशक्तीकरण करना, शासन के कार्यकरण में पारदर्शिता एवं हिसाबदेही को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना तथा हमारे लोकतंत्र को वास्तविक अर्थों में लोगों के लिए कार्य करने वाला बनाना है। कहने की आवश्यकता नहीं कि शासन के उपकरणों पर आवश्यक चौकसी रखने तथा शासन को शासित के प्रति अधिक उद्दरदायी बनाने के लिए सूचना संपन्न नागरिक बेहतर होता है। यह अधिनियम शासन की गतिविधियों से नागरिकों को सूचना-संपन्न बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
I. संदर्भ आदेश संख्या. (यहाँ क्लिक करें) (a) CIC/SA/C/2015/900265 (b) CIC/SA/C/2015/900266 (c) CIC/SA/C/2015/900267 (d) CIC/SA/C/2015/900268 II. CIC/IITRK/A/2017/118111-BJ (यहाँ क्लिक करें)
प्रासंगिक लिंक: शासी अधिनियम (शासी अधिनियम.एच.टी.एम.एल.)
आवेदकों से अनुरोध है कि वे अपने टेलीफोन नंबर/ मोबाइल नंबर एवं ईमेल पता उपलब्ध कराएँ।
आवेदकों से अनुरोध है कि कुलसचिव, आईआईटी रुड़की के नाम देय अधिनियम द्वारा नियत शुल्क के रूप में रुपये 10/- का डिमांड ड्राफ्ट/ पे ऑर्डर/ भारतीय पोस्टल ऑर्डर जमा कराएँ।